Saturday, February 26, 2011

अल्पजन हिताय बहुजन दुखाय....

ऐसा ही कुछ हाल है उत्तर प्रदेश सरकार का ! हाई कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कह दिया हाई कि सरकारी नौकरियों के प्रोन्नति में परिणामी जेष्ठता का कोई मतलब नहीं है फिर भी सरकार पिछड़ों और सामान्य वर्ग के लोगों के साथ उनके हितो का दुराचार कर रही है ! जब कि अनुसूचित जाति के लिए सरकारी नौकरियों में भर्ती से लेकर प्रोन्नति तक कोटा निर्धारित है फिर भी इस संवर्ग को अतिरिक्त लाभ देने के लिए अन्य सभी के साथ सौतेलापन क्यों ....?
कुछ संवर्ग ऐसे है जिसमे नौकरी करने वाले को पूरी सेवा के दौरान इक प्रोन्नति भी नहीं मिल पाती, ऐसा ही इक संवर्ग है अवर अभियंता का ... शायद ही कुछ अवर अभियंता को प्रोन्नति मिल पाती है ज्यादातर लोग अपने मूल पद से ही सेवानिवृत हो जाते है ! इनके लिए छठा वेतन आयोग भी सौतेला व्यहार कर गया ! ए सी प़ी का लालीपाप दिखाकर सारे सुबिधाओं को लुट ले गया ! देश के समग्र विकास में इस वर्ग का जो योगदान है उसे आप सभी जानते है ! किसी इन्फ्रास्ट्रक्चर के कार्य को पुरा करना इनके बिना संभव नहीं है चाहे वो सड़क हो, मकान हो, पेयजल हो, रेलवे हो या बिद्दुत ..... सब कुछ इन्ही के कंधो पर फिर भी यह वर्ग उपेछित है !
सरकार को चाहिए कि सभी को सामान अवसर देते हुए उनसे अधिक से अधिक दक्षता से कम ले , पर कुछ लोगों के अधिक अवसर देते हुए बाकि को कोई अवसर ना दे क्या यह उचित है ! फिर तो हम यही कहेंगे कि " अल्पजन हिताय बहुजन दुखाय...." !

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